मैं इतना जानना चाहता हूँ क्या कोई मेरे जैसे भी सोचता है .अभी मेरे आस पास कोई aisa नहीं दिखाई देता है जिस से अपनी रिदिम ठीक ठीक मिलती दिखाई देती हो.जीवन मैं कभी कभी एस्तार्हा भागना जैसे आगे की कोई मंजिल पाना न हो बल्कि पीछे क मंजरों से जान bachana हो आप ese क्या कहेंगे की dhal per baith कर कम ही लोग sustate मिलेंगे .पूरा जीवन चलता है चलता न होता to यहाँ तक कैसे आता per वैसे नहीं चलता जैसे मैं चाहता हूँ t s eliat कहता था की अस्तित्व की chhatptahat हर किसी क ander नहीं होती per अस्तित्व to होता ही है। meTOO मेरे ब्लॉग को ये नाम देने के PICHHE कोई THOS सोच नहीं थी एक DAM ACHANAK से निकला मी TOO आज जब सोचता हूँ KITAN गहरा ARTH है एस मैं .पहला AKCHAR M SMALL है जो शायद मेरे छोटे और DARE SEHME हुए अस्तित्व की तरफ़ ESHARA करता है PER TOO का बड़ा होना उस BAICHENI की तरफ़ ESHARA है जो BDHTI JARAHI है एक TALASH मैं KISKI ? पता नहीं शायद आप कोई HAL दे सकें !!आप की TALASH से मेरी TALASH मिलती है TO शायद HUMSFAR बन सकें?
बस ये जो SHER हैं MEREI BAT JYADA ठीक से KEH देते हैं -
प्यास की SHIDDAT के MARON की AZIYAT देखिये ,
KHUSHK आंखों मैं NADI के KHWAB PATHAR हो गए।
शायद आप समझे HHON
ESE UMMIND मैं
me TOO